वीर रस की परिभाषा और उदाहरण -
इसका स्थाई भाव उत्साह है, जहाँ 'उत्साह' नामक स्थाई भाव, विभव, अनुभव, और संचारी भाव के संयोग से रस रूप में परिणत् हो, वहां वीर रस होता है।
उदाहरण -
रणबीच चौकड़ी भर भर कर,
चेतक बन गया निराला था।
राणा प्रताप के घोड़े से,
पड़ गया हवा का पाला था।
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