महादेवी वर्मा का साहित्यिक परिचय -
महादेवी वर्मा का जन्म सन 1907 ई० में फर्रुखाबाद जिले मे होली के दिन हुआ था। इनके पिता गोविंद प्रसाद वर्मा एक अच्छे विद्वान थे। इनकी माता हेमा रानी की एक अच्छी विदुषी थी। केवल 9 वर्ष की अवस्था में ही इनका विवाह रूपनारायण सिंह के साथ हो गया। इन्हें संगीत और चित्रकला में विशेष से रूचि थी। भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें पद्मश्री की उपाधि से सुशोभित की है। हिंदी साहित्य सम्मेलन ने इन्हें 'नीरजा' पर ₹500 का सेक्सरिया पुरस्कार तथा 'यामा' पर ₹1200 का 'मंगलाप्रसाद' पारितोषिक देकर सम्मानित किया। पति द्वारा परित्यक्ता होने के कारण इनका जीवन वेदना मय रहा। इन्होंने 'चांद' नामक पत्रिका का संपादन भी किया। इन्हें 1983 में 'भारत-भारती' तथा 'ज्ञानपीठ' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 11 सितंबर सन 1987 में उनका स्वर्गवास हो गया।
छायावाद की प्रमुख प्रतिनिधि महादेवी वर्मा के काव्य में रहस्यवाद, वेदनाभाव, अलौकिक प्रेम आदि की अभिव्यक्ति हुई है।
निहार, नीरजा, रश्मि, यामा, अतीत के चल चित्र, श्रृंखला की कड़ियां